नागपंचमी पर यहां बनाया जाता है स्पेशल व्यंजन

श्रावण मास की शुक्ल पक्ष पंचमी को नागपंचमी का उल्लास देशभर में होगा। मालवा क्षेत्र में यह उत्सव विशेषतौर पर मनाया जाएगा। जगह - जगह नागों का पूजन होगा। हालांकि अब नागों को पकड़ना प्रतिबंधित कर दिया गया है लेकिन प्रतीकात्मकरूप से नागों का पूजन किया जाता है। घरों और गली मोहल्लों के आसपास कालबेलिये आवाज़ देते और श्री नाग के लिए प्रसादी लेते नज़र आऐंगे। इतना ही नहीं श्री नाग मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा।

श्रद्धालु घर पर दाल, बाटी का व्यंजन बनाकर श्री नाग भगवान को भोग लगाऐंगे। ज्योर्तिलिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर के उपरी भाग पर प्रतिष्ठापित श्री नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शनों के लिए मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की कतार लगी। इतना ही नहीं भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के पट खोले गए।

मध्यरात्रि में पट खुलने के बाद मंदिर में नाग भगवान् की पूजा की गई। इसके बाद आम लोगों के लिए मंदिर खोल दिया गया। यह मंदिर अति प्राचीन है। यह परमारकालीन मंदिर है। यहां पर प्रतिष्ठापित प्रतिमा नेपाल से लाई गई थी। मंदिर में एक शिवलिंग भी है।जिसका पूजन किया जाएगा। मान्यता है कि यहां पर नागराज तक्षक का निवास है। श्रद्धालु प्रतिमा के दर्शन करेंगे। मंदिर में दर्शनों हेतु विशेष प्रबंधन किए गए हैं। इस दौरान श्री महाकालेश्वर के दर्शन और श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए अलग - अलग कतार लगेगी।

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