अपनी चौखट से मेरा नाम उसने मिटाया नहीं है, शायद अभी तक उसने मुझे भुलाया नहीं है। जंगल उग आये हैं अब उन पगडंडियों पर, मुद्दत से शायद यहाँ कोई आया नहीं है।