लखनऊ। उत्तरप्रदेश में इन दिनों विधानसभा चुनाव का शोर - शराबा है। यहां पर विभिन्न दल अपने - अपने स्तर पर प्रचार - प्रसार में लगे हैं इसी प्रयास में लगे हैं कांग्रेस नेता। कांग्रेस नेताओं द्वारा कथित तौर पर मुसलमान वर्ग को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस को लेकर कथित तौर पर इस तरह की बातें कही गई हैं। हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को लेकर भी इस तरह की बात सामने आई है। उन्होंने नोटबंदी को लेकर जो टिप्पणी की है उसमें वर्ग विशेष को शामिल कर लिया गया है। उन्होंने कहा है कि वे मुसलमान हैं क्योंकि अधिकतर मुसलमान बैंक अकाउंटर नहीं रखते हें। कपिल सिब्बल के अनुसार मुसलमान सूद नहीं खाते जिसके कारण वे बैंक्स में खाता भी नहीं रखते हैं। उन्होंने एक उदाहरण देकर दिल्ली के चांदनी चैक के परेशान व्यापारियों की बात सामने रखी। उन्होंने कहा कि सरकार 500 रूपए और 1000 रूपए के नोट्स बंद कर आतंकवाद पर लगाम लगाना चाहती है मगर इससे आतंकवाद की समाप्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद रूपयों के लिए नहीं होता नफरत के कारण आतंकवाद पनपता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि नोअबंदी का सबसे अधिक असर मुसलमान पर हुआ है। सिब्बल कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि नोटबंदी से आतंकवाद का अंत नहीं होगा। आतंकी फंडिंग इस निर्णय से नहीं रूकेगी। दरअसल आतंकवाद पैसे के चलते नहीं नफरत के कारण पनपता है। ऐसे में नोटबंदी आतंकवाद की फंडिंग रोकने में फेल रहेग। उनका कहना था कि नोटबंदी से गरीब भी परेशान हो रहा है।