मुस्लिम धर्म में पवित्र मानी जाती है क़ुरान की नसीहतें

* नाहक किसी मासूम के कत्ल को अल्लाह ने हराम किया है। * जो अल्लाह के साथ दूसरे परवरदिगार को नहीं पुकारते, गुनाह से दोचार होंगे। * आकाश और धरती के रहस्यों का सम्बन्ध अल्लाह से ही है! * जो आख़िरी दिन पर ईमान नहीं रखता, उसको अल्लाह रास्ता नहीं दिखाता। * अल्लाह नामंजूर करने वालों को रास्ता नहीं दिखाता। * रमज़ान को रहमतों और बरकतों वाला महीना कहा गया है। * कुरआन हमें इज़्ज़त और ताक़त बख़्शने आया। * मुराद हिदायत का नूर है, जाहिलियत के अंधेरे में रोशनी की किरन। * क़ुरआन मजीद की कई आयत में कुरआन को नूर कहा गया है! * क़ुरआन मजीद किताबे हिदायत है यह मुर्दा ज़मीर के लिए नहीं है! * क़ुरआन किताबें हिदायत है यह उनके लिए है जो उसके मुतलाशी हों। * रमज़ानुल मुबारक की सबसे अज़ीम नेअमत कुरआन है। * रमज़ान की तीसरी फज़ीलत- हिजरी में मुक़द्दस महीने के रोजे फ़र्ज हुए * शबे क़द्र हज़ार महीनों से ज्यादा बेहतर है। * रमज़ानुल की दूसरी फज़ीलत लैलतुलक़द्र या शबे क़द्र हैं। * कुरआन की पहली "वही" रमज़ान माह में गारे हिरा में नाजिल हुई। * क़ुरआन मजीद की एक-एक आयत में हिकमत के खजाने पोशीदा हैं। * क़ुरआन मजीद के कुल हर्फ़ों की तादाद 3,23,760 है। * क़ुरआन मजीद की कुल आयत की तादाद 6666 है। * क़ुरआन हकीम 22 साल 5 माह और 14 दिन के अर्से में नाज़िल हुआ। * कुरआन एक ऐसा चिराग है जिसका हक पर होना बजाए खुद रोशन है! * रमज़ानुल मुबारक की सबसे अज़ीम नेअमत कुरआन है। * कुरआन इसलिए भेजा गया था कि हम उसे पढ़ें, समझें और अमल करें! * रमज़ान में अल्लाह की खास रहमते उतरती हैं जिससे बरकत होती है * अल्लाह ने मां बाप के साथ अच्छा बर्ताव करने की ताकीद की है। * अल्लाह उसका बदला देंगे जो कुछ अच्छे काम करते रहे होंगे। * जो ईमान लाए और अच्छे काम करे अल्लाह उनकी बुराइयां दूर कर देंगे * जो अल्लाह के रास्ते में संघर्ष करता है वह खुद के लिए करता है।

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