इंसानियतः मुसलमानों ने किया कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार

कुलगाम : दुनिया में भले ही मुसलमानों को हिंदूओं के और हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ भड़काया जा रहा हो, लेकिन दुनिया में कई लोग ऐसे भी है, जिन्हें इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। इंसानियत की बेहतरीन मिसाल देते हुए मुसलामनों ने एक 84 साल के बुजुर्ग कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार किया है।

कुलगाम जिले का रहने वाला यह कश्मीरी पंडित आखिरी सांस तक अपने जमीन पर ही टिका रहा है। उन्होने घाटी छोड़ने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। कुलगाम के मावलान के निवासी जानकी नाथ की शनिवार को मृत्यु हो गई थी। कोई भी परिजन या कश्मीरी पंडित न होने के कारण मुसलमानों ने अंतिम संस्कार की व्यवस्था की और किसी अपने की मौत की तरह दुख भी प्रकट किया।

मालवान में करीब 5000 मुसलमान रहते है, जिसमें से जानकी नाथ अपने समुदाय के इकलौते व्यक्ति थे। वो 1990 में सरकारी पद से सेवा निवृत हुए थे। पिछले 5 वर्षों से उनकी सेहत खराब चल रही थी। तब उनके पड़ोसी मुसलमानों ने उनकी सेवा की। स्थानीय नागरिक गुल मोहम्मद अलई ने कहा कि हमें लगता है जैसे हमने किसी अपने को खो दिया है। वह बिल्कुल मेरे बड़े भाई की तरह थे और मैं कोई भी कदम उठाने से पहले उनसे सलाह लिया करता था।

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