भगवान राम पर लिखने वाले मुस्लिम व्यक्ति को मिली धमकियां

नई दिल्ली : यूं तो भारत में हिंदू और मुस्लिम एकता के कसीदे गढ़े जाते हैं ऐसे कई अवसर होते हैं जब हिंदू और मुस्लिम एकता के उदाहरण दिए जाते हैं। ऐसा कई मर्तबा होता है जब किसी हिंदू के पर्व पर मुस्लिम इबादत के लिए फूल चुनते हैं और मुस्लिमों के त्यौहार पर हिंदू रास्ते सजाते हैं। जी हां, हालांकि वर्तमान में इस भावना को आघात लगा है। जी हां, ऐसा कुछ वाकया हुआ है जिसने सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित किया है। दरअसल हिंदू चरमपंथियों के लगातार दबाव के चलते मलयालम लेखक एमएम बशीर को अपना स्तंभ ही बंद करना पड़ा।

दरअसल बशीर ने मलायालम भाषा के दैनिक मातृभूमि के लिए रामायण को स्तंभों की श्रृंखला लिखने की शुरूआत की। मगर प्रारंभ में ही उन्हें धमकियां मिलने लगीं जिसके कारण उन्हें स्तंभ बंद करना पड़े। उन्हें फोन पर धमकियां मिलीं कि मुसलमान होने के बाद भी वे राम पर क्यों लिख रहे हैं। इस दौरान 3 अगस्त को पहला स्तंभ श्रीराम के रोष के साथ प्रकाशित हुआ और इस वर्ग के लोगों का विरोध भी सामने आने लगा।

4 दिन बाद 5 वां स्तंभ छपने के बाद बशीर ने भी निर्णय ले लिया कि वे आगे के बारे में नहीं लिखेंगे। इस दौरान वे उन्हें अपशब्द भी कहने लगे। दरअसल धमकियां देने वालों ने उनसे कहा कि आखिर तुम्हें भगवान राम पर लिखने का क्या अधिकार है। फोन करने वालों ने उनसे कहा कि वे मुसलमान हैं और इसीलिए भगवान को मानवीय गुणों वाला दर्शाने का प्रयास कर रहे हैं। 

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