संगीत का उपयोग बतौर थैरेपी भी किया जाता है. रागों के आधार पर तैयार संगीत अनेक रोगों के लिए लाभकारी साबित होता है. भारतीय शास्त्रीय एक अपरंपरागत चिकित्सा पद्धति है. यह भौतिक, शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक एवं संवेदना के स्तर पर शरीर को प्रभावित करता है एवं मानसिक, बौद्धिक व सामाजिक कार्यक्षमता को बढ़ाता है. 1-पुराने शास्त्रीय संगीत का राग मालकौंस, जो कि भैरवी थाट का प्रसिद्ध राग है, इस राग को मार्वा राग के साथ गाया जाए तो मलेरिया नियंत्रित होता है. 2-राग मालकौंस हिन्डोल बुखार के तापक्रम को कम कर देता है. 3- राग दरबारी का बडा खमाज और राग पूरिया मानसिक तनाव को कम करते हैं. 4-दीपक राग से पेट की अम्लीयता कम होती हो, जबकि जैजैवंती और राग सोहनी से सिरदर्द का उपचार किया जाता है.