मुलेठी की चाय से बनेगा सेहतमंद लिवर

यदि आप लिवर की समस्याओं से ग्रस्त हैं या अपने लिवर को हमेशा स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं तो आज से ही मुलेठी की चाय पीना शुरू कर दे. मुलेठी की चाय के औषधिक गुणों का जिक्र हमारे आर्युवेद में भी किया गया हैं. इसका नियमित रूप से सेवन करने से लिवर मजबूत बनता हैं. 

मुलेठी की चाय बनाने के लिए यह विधि अपनाए. एक चुटकी मुलेठी के पाउडर को उबलते हुए पानी में डालें. इसके बाद उसमे थोड़ी सी चायपत्ती भी डालें. इस चाय को दस मिनट तक उबाल कर छान लें. जहाँ तक हो सके इसे सुबह गरमागरम ही पियें. 

दूसरा तरीका यह हैं कि मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें. जब यह ठंड़ा हो जाए तो इसे छान लें. इस चाय रुपी पानी को दिन में एक या दो बार पिएं. पानी में घुली हुई मुलेठी कार्बन टेट्राक्लोराइड से उत्पन्न टॉक्सिक के खिलाफ काफी असरदार है.

आपको यह जानकार हैरानी होगी कि मुलेठी में ग्लिसराइजिक एसिड के होने के कारण इसका स्वाद साधारण शक्कर से पचास गुना अधिक मीठा होता है. मुलेठी अपने मीठे स्वाद और एंटी अल्सर एक्शन के लिए जानी जाती है. मुलेठी लीवर को बैक्टीरिया से बचाती है.

जिन लोगो के लिवर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है, उनके लीवर में ट्रांसएमाइनेज एंजाइम्स ALT और AST की मात्रा भी बढ़ जाती है. एक अध्ययन के अनुसार मुलेठी का सत्व इन एंजाइम्स की मात्रा को लिवर से कम करता है. इसलिए मुलेठी लिवर के लिए फायदेमंद है. 

जब लिवर पर कीमोथेरेपी अप्लाई किया जाता हैं तो लिवर को नुकसान पहुँचता हैं. ऐसे में मुलेठी का सेवन लिवर को बचाने में मदद करता हैं. हेपाटाइटिस बी से पीड़ित मरीजों को भी मुलेठी खाने की सलाह दी जाती हैं.

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