मुझको फिर वही सुहाना नज़ारा मिल गया

मुझको फिर वही सुहाना नज़ारा मिल गया ,

नजरो को जो दीदार तुम्हारा मिल गया,

और किसी चीज़ कि तमन्ना क्यूँ करू,

जब मुझे तेरी बाँहों में सहारा मिल गया .

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