तो क्या हुआ जो वो नहीं मिलते हमसे.. मिला तो रब भी नहीं हमे, मगर इबादत तो बंद नही की... फिर से मिलने का वादा तो उनके मूँह से निकल ही गया, जब हमने जगह पूछी तो कहने लगे ख़्वाबों में आते थे आते रहेंगे..!