मुझे वो दिल से चहाने लगी है

मेरी जिंदगी भी मुस्कराने लगी है। जबसे करीब वो मेरे आने लगी है।। रहती है हर वक़्त ख़्यालों मे देखो। पलकों पे ख्वाव वो सजाने लगी है।। संजने संवरने का सलीका आ गया है। जबसे तारीफ़ वो मेरी करने लगी है।। खुशियाँ ही खुशियाँ नज़र आ रही हैं। ये दुनियाँ हंसी मुझे अब लगने लगी है।। कोई और अच्छा अब लगता नही है। जबसे मेरे दिल में वो रहने लगी है।। मेरा दिल मेरे अब बस में नही है। जबसे मुझे वो दिल से चहाने लगी है।।

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