एमपी के 8 सांसदों को अधिवक्ता परिषद् ने भेजा नोटिस

भोपाल: मध्यप्रदेश की अधिवक्ता परिषद् ने 8 सांसदों को अधिवक्ता सनद निलंबन के लिए नोटिस जारी किया है, इन 8 सांसदों में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी है। इन्हें आगामी 5 मई तक जवाब देने को कहा गया है, दरअसल ये सांसद अब कानूनी पेशे में नहीं है व अन्य कार्यो से आय अर्जित कर रहे है, लेकिन इसके बावजूद अपनी अधिवक्ता सनद कायम रखे हुए है।

जिसे अधिवक्ता अधिनियम के तहत गलत माना गया है, परिषद् की अपील समिति के अध्यक्ष शिवेंद्र उपाध्याय ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमानुसार बिना अपनी अधिवक्ता सनद निलंबित रखते हुए कानूनी पेशा में नहीं रहने एवं अन्य कार्य करने वाले व्यक्ति द्वारा अपनी अधिवक्ता सनद कायम रखने पर प्रतिबंध है।

उन्होने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 35 के तहत किसी अन्य कार्य से आय अर्जित करते हुए अधिवक्ता सनद को कायम रखना गलत व्यवहार है. उन्होने बताया सभी सांसदों को जबलपुर जिला मुख्यालय से ई-मेल के जरिए नोटिस भेजकर सूचित किया गया है, इसकी एक प्रति डाक द्वारा भी भेजी गई है। यदि सांसदों ने इस नोटिस का संतोषप्रद उतर नहीं दिया, तो परिषद् चुनाव आयोग के दरवाजे पर दस्तक देगी।

उपाध्याय ने बताया कि परिषद द्वारा लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के अलावा रतलाम से सांसद कांतिलाल भूरिया, शहडोल से सांसद दलपत सिंह परस्ते, सीधी से सांसद रीति पाठक, भोपाल से सांसद आलोक संजर, रीवा से सांसद जर्नादन प्रसाद मिश्रा, सतना से सांसद गणेश सिंह तथा राज्यसभा सांसद सत्यनारायण जटिया को नोटिस भेजा गया है। उपाध्याय ने बताया कि मामला सामने तब आया जब अधिवक्ताओं की सनद का नवीनीकरण किया जा रहा था।

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