मोहब्बत की कश्ती में सोच समझ

मोहब्बत की कश्ती में सोच समझ कर सवार होना मेरे दोस्त, जब ये चलती है तो किनारा नहीं मिलता, और जब डूबती है तो सहारा नहीं मिलता..

Related News