नुस्खा-ए-मोहब्बत

आज बता रहा हूँ नुस्खा-ए-मोहब्बत ज़रा गौर से सुनो, न चाहत को हद से बढ़ाओ न इश्क़ को सर पे चढ़ाओ।

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