मायूस क्यों हो कुछ बता दीजिए

मायूस क्यों हो कुछ बता दीजिए , बोल कर भी कुछ सजा दीजिए ! या तो बातें ख़ामोशी की पूरी करे , या हसरते मेरी अब दबा दीजिए ! आप से ज्यादा कुछ भी चाहा ना , दीप चाहत की अब जला दीजिए ! हम तो बिगड़े है आपके प्यार में , बन दुल्हन किस्मत बना दीजिए ! जीस्त रुक सी गई तेरे इन्तजार में , सूखे जख्मो को मेरे दवा दीजिए ! रख चरण - कमल फिर जीवन में , सुख सागर आँगन दिखा दीजिए ! सूखे पडी जमीं पे अमृत वर्षा की , फैसला 'कुमार' को सुना दीजिए !

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