भारत रत्न डाॅ. कलाम ने की मौत की सजा को समाप्त करने की मांग

नई दिल्ली : भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा हाल ही में विधि व्यवस्था के लिहाज से एक नई पहल की गई है। मिसाईल मैन डाॅ. कलाम का कहना है मृत्यु दंड की सज़ा को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने विधि आयोग को अपनी रिपोर्ट को फिर से देखने और उस पर विचार करने की अपील की है। उनका कहना है कि विधि आयोग द्वारा तय किया जाना चाहिए कि आखिर लोगों को मृत्युदंड की सज़ा दी जाना चाहिए या नहीं। मामले में कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति द्वारा विचार किया गया है कि विधि आयोग द्वारा 35 वीं रिपोर्ट में मृत्यु दंड को लेकर सिफारिश की गई थी।

भारत रत्न डाॅ. कलाम द्वारा इस मामले में कहा गया है कि जब वे राष्ट्रपति भवन में थे उसी दौरान उनके द्वारा अध्ययन किया गया। अध्ययन के दौरान ये परिणाम सामने आए कि कानून के ऐसे मामले जो लंबे समय से अटके हुए थे उनके पीछे सामाजिक और आर्थिक कारण थे। जिसके कारण इन पर फैसला नहीं हो सका यही नहीं बड़े पैमाने पर लोगों ने अपने विचार भी इन मसलों पर प्रेषित किए। दूसरी ओर यह भी कहा गया है कि इस पूरे मसले पर यह बात सामने आई है कि जो भी मामले लंबित थे उनके पीछे सामाजिक और आर्थिक कारण सामने आ रहे हैं।

मामले में कहा गया है कि विधि आयोग को लगभग 400 लोगों के विचार मिले हैं। जिसका आंकलन किया गया है। दूसरी ओर कहा गया है कि 11 जुलाई को मामले में बैठक का आयोजन होगा। इस दौरान बैठक में न्यायाधीशों की मौजूदगी में मृत्युदंड को लेकर कुछ निर्णय होगा। डाॅ. कलाम का मत था कि एक राष्ट्रपति के लिहाज से यदि विचार किया जाए तो किसी को मृत्यु दंड देने में उन्हें काफी परेशानी होती थी उनके मन में खासी उथल पुथल होती थी कि आखिर मृत्यु दंड सुनाऐं या नहीं सुनाऐं। 

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