मेरी चाहत को बदलकर

मेरी चाहत को बदलकर  तिश्नगी कर दीजिये..!  मुझको वापस आप मेरी जिंदगी कर दीजिये..!! वायदा तो दिल लगाने  का हुआ था आपसे, कब कहा उल्फत से ही दिल्लगी कर दीजिये..!! हमनवाई है नहीं  हमदर्द हो मुमकिन नहीं,  इस लिए दिल मेरा वापस पेशगी कर दीजिये..!! इससे पहले इश्क़ में.... होनी इबादत बन्द हो,  मिन्नतें वापस मेरी सब..बन्दगी कर दीजिये..!! "वीरान"की है इल्तिज़ा,  उस परवर-दिगार से,  दिल लगाने पर खुदा पा-बन्दगी कर दीजिये..!!

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