ले कर खुशिया तू मुझे फ़क़ीर बना दे सिर्फ गम को ही मेरी तक़दीर बना दे उनकी पलके कभी नम ना हो ऐ खुदा मेरे सनम के हाथो में ऐसी लकीर बना दे दीप तो आंधी में भी जला करते है फूल तो काटो में भी महका करते है कितने नसीब वाले होते है वो जिन्हे आप जैसे दोस्त मिला करते है