मेरे मालिक ये क्यूं हुआ है

हाथों में छाले हैं पर दिल में दुआ है आखिर मेरे मालिक ये क्यूं हुआ है सांस सांस जैसे गिरवी हो रखी ये ज़िन्दगी या फिर कोई जुआ है

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