मर्सिडीज भी जांच के घेरे में

नई दिल्ली: डीजल उत्सर्जन परीक्षणों को लेकर कार कंपनिया शक के घेरे मे है. मर्सिडीज कार बनाने वाली कंपनी डेमलर की जांच कर रहे अमेरिकी जांचकर्ताओं ने पाया कि कंपनी की कारों में सॉफ्टवेयर है जिससे डीजल उत्सर्जन परीक्षणों को पास किया जा सकता है. यह जानकारी एक जर्मन अखबार ने गोपनीय दस्तावेजों के हवाले से कही. दरअसल 2015 में फॉक्सवैगन ने 5,80,000 अमेरिकी वाहनों पर गुप्त सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से 40 गुना उत्सर्जन निकला और यह कानूनी तौर पर स्वीकार्य था क्योंकि नियामकों द्वारा परीक्षण किए जाने के बाद यह उत्सर्जन मानदंड़ों से मिल रहा था.

डेमलर अमेरिका और जर्मन अधिकारियों द्वारा अतिरिक्त डीजल उत्सर्जन में चल रहे जांच का सामना कर रही है, अगर जांच में कुछ भी गलत पाया तो कंपनी को भारी अर्थ दंड, और भी कानूनन सजा या वाहनों को रिकॉल करने का आदेश दिया जा सकता है. द बिल्ड एम सोनटैग अखबार के मुताबिक दस्तावेजों से पता चला है कि अमेरिकी जांचकर्ताओं ने कई डेमलर कारों के ऐसे सॉफ्टवेयर पाए हैं जो उत्सर्जन परीक्षणों को पास करने में मदद करते हैं, जिनमें से एक सॉफ्टवेयर ऐसा है जो 26km की ड्राइविंग के बाद उत्सर्जन सफाई को बंद कर देता है, इसके अलावा दूसरे फंक्शन में उत्सर्जन की सफाई प्रणाली को यह पहचानने की अनुमति दी गई है कि क्या कार की गति या एक्सेलेरेशन के आधार पर परीक्षण किया जा रहा है या नहीं, बिल्ड एम सोनटैग ने डेमलर के इंजीनियरों से ईमेल का हवाला देते हुए सवाल किया कि ये सॉफ्टवेयर कार्य कानूनी थे या नहीं.

इस पर डेमलर के प्रवक्ता ने दस्तावेंजो पर सफाई देने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि जर्मन कंपनी अमेरिकी अधिकारियों के साथ पूरी तरह सहयोग कर रही थी और न्याय विभाग के साथ कड़े गोपनीयता पर सहमत हुई थी. डेमलर के प्रवक्ता ने कहा, "अधिकारियों को दस्तावेजों का पता है और इस बारे में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है. बिल्ड द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों को स्पष्ट रूप से डेमलर और इसके 290,000 कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाने के लिए जारी किया गया है."

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