आपकी महफ़िल में आयें ये जरूरी तो नहीं गीत हम भी गुनगुनायें ये जरूरी तो नहीं इश्क है तुमसे यही खामोशियां अब कह रहीं राज ए दिल सबको बतायें ये जरूरी तो नहीं आप ही रहते हो इस दिल में कहें अब और क्या चीर कर सीना दिखायें ये जरूरी तो नहीं टूट जाये दिल अगर तकलीफ होती है बहुत अश्क आंखों से बहायें ये जरूरी तो नहीं इश्क में काफ़ी है जलने के लिये अपना ये दिल अब चिरागों को जलायें ये जरूरी तो नहीं चोट सह सह के हुआ पत्थर मेरा ये दिल सनम दर्द में अब मुस्कुरायें ये जरूरी तो नहीं मानते हैं हम भटक जाते हैं अपने नौजवां खून अपनो का बहायें ये जरूरी तो नहीं