लखनऊ: जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने देश में बढ़ती सांप्रदायिकता पर चिंता व्यक्त कर दी है। उन्होंने बोला है कि सांप्रदायिकता की इस लड़ाई में सभी वर्गों को शामिल करना बहुत ही आवश्यक है और नफरत के माहौल को समाप्त करने के लिए एकजुट होकर मैदान में आना जरुरी है। मौलाना अरशद मदनी ने अपनी बात को जारी रखते हुए बोला है कि देश में बढ़ती हुई खतरनाक सांप्रदायिकता के संबंध में जो बातें सुनने के लिए मिली है, उनको लेकर सरकार की जो सोच और व्यवहार है और जिस तरह उन चीजों को पूरे देश में प्रस्तुत किया जा रहा है वो नफरत और पक्षपात पर आधारित है। उन्होंने सोशल मीडिया ऐप कू पर एक वीडियो शेयर कर लिखा कि सांप्रदायिक तत्वों द्वारा प्रज्वलित नफरत की चिंगारी को मीडिया का एक बड़ा वर्ग एक ज्वाला के रूप में पेश किया जा रहा है। हर दिन,पत्रकारिता का खून किया जा रहा है,लेकिन अफसोस जिन हाथों में इस वक्त देश के संविधान और कानून की रक्षा की जिम्मेदारी है उन्होंने अपने कान और आंखें बंद कर चुके है। Koo App सांप्रदायिक तत्वों द्वारा प्रज्वलित नफरत की चिंगारी को मीडिया का एक बड़ा वर्ग एक ज्वाला के रूप में प्रस्तुत करता है हर दिन,पत्रकारिता का खून किया जा रहा है,लेकिन अफसोस जिन हाथों में इस वक्त देश के संविधान और कानून की रक्षा की जिम्मेदारी है उन्होंने अपने कान और आंखें बंद कर ली है। View attached media content - Arshad Madani (@ArshadMadani) 27 May 2022 उन्होंने बोला है कि नफरत को रोकने के लिए हमारे पास कोई ताकत नहीं है, लेकिन इसके उलट जो लोग ऐसा कर रहे हैं, उनके पास सत्ता की शक्ति आ चुकी है। जिसे आज की दुनिया में सबसे बड़ी ताकत भी कहा जा रहा है। मगर आज भी ऐसी निराशाजनक स्थिति में आशा और विश्वास के चिराग रोशन कर चुके है। देश का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो देश की वर्तमान स्थिति को गलत समझता है। एक विशेष वर्ग के विरुद्ध बीते कुछ सालों से जो कुछ हो रहा है उसे वो अच्छी नजर से नहीं देखता, वो यह भी समझता है कि इस प्रकार की चीजें देश के लिए बहुत खतरनाक हैं। मंदिर के बाहर से ही दर्शन करके वापस चले गए शरद पवार, पार्टी ने कहा- 'उन्होंने खाया था नॉनवेज...' राजेंद्र नगर सीट से AAP ने दुर्गेश पाठक को दिया टिकट, संजय सिंह की भाजपा को चुनौती कभी नरम-कभी गरम.., लगातार बदल रहे राजस्थान की कांग्रेस सरकार के हाल