वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य पदक विजेता शिव थापा (56 किग्रा) गुरुवार को एशियाई क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाकर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बने लेकिन स्टार महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम (51 किग्रा) का यहां अंतिम चार में हार के साथ रियो के लिए क्वालीफाई करने का सपना टूट गया. अपने वजन वर्ग में शीर्ष वरीयता प्राप्त शिव ने सेमीफाइनल में 2013 वर्ल्ड चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता कजाखस्तान के कैरात येरालिएव को हराया. वह शुक्रवार को फाइनल में थाईलैंड के दूसरे वरीय चातचाई बुत्दी से भिड़ेंगे. आज की जीत के साथ 22 साल के शिव अपने दूसरी बार ओलंपिक में हिस्सा लेने का अधिकार हासिल किया है. 4 साल पहले वह लंदन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले सबसे युवा मुक्केबाज थे. शिव ने कहा, मैं यह उपलब्धि हासिल करने के बाद भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. मैंने इस बाउट के लिए कड़ी मेहनत की थी. यह मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बाउट थी। इसलिए मैं पूरी तरह से थक गया हूं और साथ ही राहत भी महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि मेरे पास आराम करने और उबरने के लिए काफी कम समय है क्योंकि फाइनल शुक्रवार को ही है. मैं इस बार ओलंपिक पदक जीतकर उम्मीदों पर खरा उतरना चाहता हूं. शीर्ष वरीय मैरीकॉम को हालांकि शिकस्त का सामना करना पड़ा. उन्हें सेमीफाइनल में चीन की अनुभवी रेन कानकुन ने हराया जिससे मैरीकॉम को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. महिला वर्ग में स्वर्ण और रजत पदक विजेता मुक्केबाज ही रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगी. मैरीकॉम को हालांकि मई में विश्व चैम्पियनशिप के दौरान भी रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का मौका मिलेगा. पुरुष वर्ग में राष्ट्रीय खेलों के रजत पदक विजेता और चौथे वरीय एल देवेंद्रो सिंह (49 किग्रा) को भी सेमीफाइनल में शीर्ष वरीय मंगोलिया के रोगेन लादोन के खिलाफ शिकस्त का सामनाना करना पड़ा. कांस्य पदक अपने नाम कर चुके देवेंद्रो अब ओलंपिक में क्वालीफाई करने के लिए तीसरे स्थान के प्ले ऑफ में कल मंगोलिया के तीसरे वरीय गान एरडीन से भिड़ेंगे. राष्ट्रीय कोच गुरबक्श सिंह संधू ने शिव के तारीफ की जबकि अन्य मुक्केबाजों के प्रयासों की भी सराहना की.