शादीशुदा व्यक्ति का दूसरी महिला से संबंध बनाना घृणित अपराध : सक

नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च न्यायप्रणालिका तंत्र सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी के तहत कहा है कि शादीशुदा होने के बावजूद आपने न केवल एक महिला को शादी का झांसा दिया बल्कि उसके साथ में आपने नाजायज संबंध भी बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे घृणित अपराध के लिए दोषी व्यक्ति को किसी भी कीमत में कोई भी राहत नहीं दी जा सकती। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देश की सर्वोच्च न्यायप्रणालिका तंत्र सुप्रीम कोर्ट ने अपना यह बयान एक मामले की सुनवाई के दौरान दिया.

यह मामला छत्तीसगढ़ का है तथा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को पीड़िता को हर महीने 8000 रुपये पुनर्वास के लिए देने के निर्देश भी दिए हैं. अदालत ने कहा कि इस मामले में दोषी व्यक्ति शादीशुदा तो है ही इसके साथ ही उसका एक बच्चा भी है. इस सब के बाद भी दोषी ने एक दूसरी महिला को शादी का झांसा देकर उसके साथ में अवैध संबंध भी बनाए.

कोर्ट ने मामले में दोषी व्यक्ति जिसका नाम टेकन राम है उसकी याचिका भी ख़ारिज कर दी है. दोषी को कोर्ट ने सात साल की सजा से दंडित किया है. इसे ही दोषी ने कोर्ट में चुनौती दी थी. छग के दुर्ग में इस दोषी व्यक्ति पर पीड़ित महिला ने रेप का मुकदमा दर्ज कराया था।

 

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