विलफुल डिफाल्टरों पर कसा शिकंजा

नई दिल्ली : जानबुझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले यानी विलफुल डिफाल्टरों पर अब शिकंजा कसने लगा है. बैंकों के बाद बाजार नियामक सेबी ने भी दबाव बनाया है. ऐसे लोगों के लिए सेबी ने धन जुटाने का रास्ता बंद कर दिया है.

यही नहीं विलफुल डिफाल्टर लिस्टेड कम्पनियों के निदेशक मंडल में भी कोई पद नहीं संभाल सकेंगे. इस बारे में सेबी के नियमों में बदलाव किया गया है. इसके अलावा विलफुल डिफाल्टरों के धन स्रोतों पर अंकुश लगाने के लिए म्युचुअल फंड और ब्रोकरेज फर्म जैसी बाजार की मध्यस्थ संस्थाओं के गठन पर भी रोक लगाई है.

नियमों में बदलाव कर ऐसे डिफाल्टरों के किसी अन्य सूचीबद्ध कम्पनी का नियंत्रण अपने हाथ में लेने पर भी रोक लगाई गई है. सेबी के नए नियम बुधवार से प्रभावी हो गये हैं.सेबी ने 25 मई को एक अधिसूचना जारी की  है.

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