पत्नी से दुष्कर्म नारी के विरुद्ध हिंसा : मेनका

नई दिल्ली : पत्नी से भी जबरदस्ती यौन संबंध बनाना निंदा के योग्य है, क्योंकि यह किसी न किसी रूप में महिला के साथ होने वाली हिंसा है. केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने एक साक्षात्कार के दौरान इस सम्बन्ध में अपने विचार प्रकट किये. उनका यह मत सरकार के इस विचारधारा के विरोध में है कि भारत में वैवाहिक दुष्कर्म के आरोप का समाज की प्रकृति व मान्यताओं की वजह से समर्थन नहीं किया जा सकता है. इससे पहले मेनका ने दहेज विरोधी कानून में प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ भी आवाज़ उठायी थी. मेनका ने कहा कि वैवाहिक दुष्कर्म से आशय किसी पुरुष का पत्नी पर शक्ति का प्रयोग करने से है. उन्होंने बताया कि मेरा मत यह है कि महिला के खिलाफ हिंसा केवल अनजान लोगों तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता है अक्सर वैवाहिक दुष्कर्म पुरुष की यौन संबंध की आवश्यकता के कारण होता है, ऐसा सोचना सही नहीं है.

यह केवल अपनी शक्ति प्रदर्शित करने और पत्नी का दमन करे के लिए होता है. ऐसे मामलों को लेकर कुछ गंभीर नियम बनाने चाहिए. महिलाओ के साथ ज्यादती सामान्य नहीं है. पत्नी से दुष्कर्म या वैवाहिक दुष्कर्म पर सरकार के रवैया के कारण मामला विवादों में आया है. जब सरकार ने कहा था कि इसे आपराधिक कृत्य की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है. इसका कारण है कि भारत में विवाह पति और पत्नी के बीच का एक पवित्र संस्कार और अटूट बंधन के रूप में जाना जाता है. केंद्रीय गृहराज्य मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी ने संसद में बोला था कि वैवाहिक दुष्कर्म को आपराधिक कृत्य घोषित करने के लिए कानून में संशोधन नहीं किया जावेगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिसे वैवाहिक दुष्कर्म की श्रेणी में लिया जाता है.

उसे शिक्षा का स्तर, गरीबी, अनगिनत सामाजिक रीति रिवाज, धार्मिक मान्यताएं आदि पक्षों को ध्यान में रख कर भारतीय परिप्रेक्ष्य में इसे सुचारू रूप से लागू किया जाना संभव नहीं है. मेनका ने इससे पहले भी सरकार के इस विचार का विरोध किया था. पूर्व में भी इसी साल मार्च में उन्होंने दहेज विरोधी कानून में प्रस्तावित संशोधन के विरोध में अपनी आवाज़ बुलंद की थी. गृह मंत्रालय दहेज उत्पीड़न के फर्जी मामलों में देखी गयी वृद्धि व इस कानून का दुरुपयोग रोकने हेतु इसमें संशोधन की बात कही थी. मेनका ने बताया था कि इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह महिलाओं के अनुकूल है. इसमें महिलाओ को सशक्तिकरण मिलेगा.

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