नासा का टीम स्पिरिट अवॉर्ड पर भारतीय क्षेत्रों ने मारी बाजी

जी हाँ बड़े गौरव की बात है कि भारतीय क्षेत्रों ने नासा में टीम स्पिरिट अवॉर्ड जीतकर भारतीय सभ्यता का परचम लहराया तो आइए सबसे पहले हम आपको बताते है कि आखिर यह अवार्ड किस लिए दिया जाता है।यह पुरस्कार उस टीम को दिया जाता है जो टीम उत्साह, आदर्श संवाद दिखाती है, दूसरी टीम्स की मदद करती है और अच्छा संबंध रखती है और जिसकी टीम की जर्सी सबसे अच्छी होती है। 

इंजीनियरिंग कर रहे 13 भारतीय छात्रों के एक समूह ने नासा की प्रतिष्ठित वैश्विक प्रतियोगिता में ‘टीम स्पिरिट अवॉर्ड’ जीत लिया है। यह प्रतियोगिता रिमोट के जरिए संचालित होने वाले वाहनों को शुरू से डिजाइन करने और बनाने के लिए आयोजित की गई। भारतीय टीम में चार लड़कियां और शेष लड़के हैं। मुंबई स्थित मुकेश पटेल स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट की टीम ‘स्क्रूड्राइवर्स’ ने नासा जॉनसन स्पेस सेंटर के न्युट्रल ब्योएंसी लैब में आयोजित मेट इंटरनेशनल आरओवी कंपीटिशन में अलोहा टीम स्पिरिट पुरस्कार जीता है। 

यह पुरस्कार उस टीम को दिया जाता है जो टीम के भीतर उत्साह, आदर्श संवाद दिखाती है, दूसरी टीम्स की मदद करती है और अच्छा संबंध रखती है और जिसकी टीम की जर्सी सबसे अच्छी होती है। पूरी टीम ने इस प्रतियोगिता में अपनी संस्कृति की झलक पेश करने के लिए भारतीय परिधान- साड़ियां और कुर्ते पहने थे। 

स्क्रूड्राइवर्स टीम के उत्साहित सदस्यों ने बताया कि दो जजों ने उनके पास आकर कहा कि सभी जज अपने फैसले को लेकर इतने एकमत और स्पष्ट थे कि किसी अन्य टीम को स्पिरिट के लिए नामित तक नहीं किया गया था। नासा की 15वीं वार्षिक अंतरराष्ट्रीय आरओवी प्रतियोगिता में इस टीम का मुकाबला चीन, स्कॉटलैंड, रूस, अमेरिका, कनाडा, आयरलैंड, मेक्सिको, नॉर्वे, डेनमार्क, मिस्र, तुर्की अ‍ैर पोलैंड जैसे देशों की 40 टीमों से था। 

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