नक्सलियों ने 35 डम्परों को आग के हवाले किया

बोकारो : बेरमो प्रखंड स्थित गांधीनगर थाना से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीसीएल की संचालित खासमहल परियोजना में एक बार फिर नक्सलियों ने करीब चार घंटे तक हड़कम्प मचाया. शुक्रवार की देर रात इस परियोजना के कांटा घर को कब्जे में लेकर माओवादियों ने 30-35 डंपर-ट्रकों में आग लगा दी. इस घटना को अंजाम देने की वजह चावल की लेवी थी.

इस सम्बन्ध में जानकारी दी गयी है कि चालकों-उपचालकों से डंपर के मालिक का नाम पूछ-पूछकर उन्हें आग के हवाले किया जा रहा था. जलाए गए ट्रकों में सबसे ज्यादा आरकेटी कंपनी के है. ये ट्रक सांसद रवींंद्र कुमार पांडेय के बताये जा रहे है. इस दौरान क्षेत्र में लोगों ने कई बार गोलियां चलने की आवाज सुनी. इससे पूरे इलाके में खलबली मच गयी. जानकारी के अनुसार, रात करीब साढ़े आठ बजे लगभग डेढ़ सौ की संख्या में नक्सलियों का दल वहां पंहुचा. सभी काली वर्दी में थे. इसमें आधी संख्या स्त्रियों की थी. सभी के पास आधुनिक हथियार  थे. यहां पहुंचते ही माओवादियों ने चालक-उपचालकों को उनकी गाडी से उतार दिया और फिर उन्हें बंधक बना लिया.

ट्रक चालकों को घेरे में लेने के बाद नक्सलियों ने पंक्तिबद्ध खड़ी गाडिय़ों के मालिक का नाम पूछ-पूछकर उस पर पेट्रोल छिड़क कर आग के हवाले कर दिया. माओवादी यह कह रहे थे कि गाड़ी मालिकों ने लेवी देने से मना कर दिया है. यह भी कह रहे थे कि पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप किया तो उन्हें भारी क्षति होगी. इस घटना के दौरान टायर फटने व गोलियों की आवाज से खासमहल कॉलोनी सहित आसपास के इलाको में दहशत का माहौल हो गया. रहवासी भी इस घटना के बाद काफी भयभीत हो गए है.

लेवी नहीं देने के विरोध में इस घटना को अंजाम देने के बाद माओवादी मार्च पास्ट करते हुए रात करीब साढ़े ग्यारह बजे खासमहल कालोनी शिवमंदिर के मार्ग से जंगलो में वापसी कर गए. बोकारो की एसपी ए विजयालक्ष्मी ने बताया है कि खासमहल की घटना नक्सली घटना है. मामले की जांच के लिए वे स्वयं घटनास्थल पर जाकर जांच पड़ताल करेगी. वे इस बात का जायजा लेगी कि माओवादियों ने क्षेत्र में कितना नुकसान किया है और उन्होंने किस-किस तरह से नुकसान पहुचाया है.

Related News