साइकिल से आते थे संसद लेकिन मंत्री बनने के बाद छोड़ दी साइकिल की सवारी

नई दिल्ली : मंत्री बनने के बाद हैसियत का बढ़ जाना कहें या फिर कुर्सी की गरिमा साइकिल से संसद जाने वाले कई नेताओं ने अब साइकिल का त्याग कर दिया है। हांला कि वो इसके लिए सिक्योरिटी का हवाला देते हुए लालबती वाली कार से संसद पहुंचते है। इनमें से एक मनसुख भाई मांडविया अब भी साइकिल से ही आते है।

इस माह हुए मोदी कैबिनेट के विस्तार में राज्यसभा सदस्य अनिल माधव दवे, मनसुखभाई मांडविया तथा लोकसभा सदस्य अर्जुनराम मेघवाल मिनिस्टर बन गए। ये तीनों साइकिल से संसद पहुंचने के लिए जाने जाते थे। इनमें से दवे औऱ मेघवाल ने तो साइकिल की सवारी छोड़ शाही सवारी का दामन थाम लिया है, लेकिन मनसुख भाई अब भी साइकलि से ही संसद आते है।

राज्यसभा सदस्य के टी एस तुलसी भी साइकिल से संसद आते थे, अब उन्होने भी मानसून सत्र से साइकिल को विराम दे दिया है। मेघवाल ने ही साइकिल की सवारी इस मकसद से शुरु की थी कि 16 वीं लोकसभा के समापन से पहले कम से कम 16 सांसदों को वो साइकिल से संसद आने के लिए प्रेरित करेंगे।

लेकिन अब जब वो वित्त राज्य मंत्री बन गए है, तो कहते है कि साइिल ही मेरी पसंदीदा सवारी है, पर सिक्योरिटी रीजन और टाइम की कमी को देखते हुए कार से आता हूं।

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