पणजी : केन्द्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को सुभाष वेलिंगकर के नये राजनीतिक दल से किसी तरह का सरोकार नहीं है। बीते दिनो ही आरएसएस से वेलिंगकर को हटा दिया गया था। वे गोवा में संघ चालक पद पर कार्य कर रहे थे, लेकिन संघ विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें संघ से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। इसके बाद ही उन्होंने अपने नये राजनीतिक दल बनाने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये पर्रिकर ने मीडियाकर्मियों से चर्चा की। उन्होंने अपने आपको संघ का स्वयं सेवक बताया और कहा कि इस लोकतंत्रात्मक देश में कोई भी अपना संगठन बना सकता है, लेकिन उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है कि कौन क्या कर रहा है। आपको बता दें कि गोवा में आगामी वर्ष के दौरान विधानसभा चुनाव होना है और पर्रिकर गोवा से ही अपना पुराना रिश्ता रखते है। पर्रिकर ने संघ को लेकर कहा कि यह संगठन अनुशासित संगठन है और इसके नियमों को सभी स्वयं सेवकों को पालन करना होता है। बताया गया है कि वेलिंगकर ने भारतीय भाषा सुरक्षा मंच बनाने की घोषणा की थी। रक्षा मंत्री पर्रिकर ने कहा कि वह संघ के अनुशासित स्वयं सेवक है और उनहोंने उसके अनुशासन का हमेशा से ही पालन किया है। तो ऐसे बन गए मनोहर पर्रिकर रक्षा मंत्री.....