जीडीपी पर मनमोहन का बड़ा बयान

पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थ शास्त्री मनमोहन सिंह ने सूरत में चुनाव प्रचार के दोरान जीडीपी में मामूली बदत पर अपने विचार रखे. आपने कहा की जीडीपी में सुधार की बाते करना अभी जल्दबाजी होगी. पिछली पांच तिमाही में पहली बार जीडीपी 6.3 तक पहुची. लगातार जीडीपी में गिरावट के कारण विपक्ष कई बार सरकार की निंदा कर चूका है.

आमतोर पर मोन रहने वाले मनमोहन नोट बंदी और जीएसटी पर भी बोले. उन्होंने नोट बंदी को बिना तैयारी के उठाया गया कदम बताया. अर्थ शास्त्री होने के कारण मनमोहन सिंह अधिकांशत: सिर्फ आर्थिक मुद्दों पर ही बयान देते है. नोट बंदी को उन्होंने सिर्फ देश को लुट के लिए उठाया कदम करार दिया. 

मनमोहन कार्यकाल में देश की जीडीपी में लगातार सुधार हुआ था. यहाँ तक की 2008 के विश्व्यापी मंदी के दोरान जहा एक और अमेरिका जेसा देश परेशानी में था, वही भारत में इसका असर सबसे कम हुआ था. मनमोहन गुजरात चुनाव के दोरान सूरत में एक सभा को संबोधित कर रहे थे. गुजरात चुनाव में कांग्रेस के सभी बड़े नेता पार्टी के प्रचार में लगे है. गुजरात फतह के मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने एडी चोटी का जोर लगा दिया हैं. हालाकि उप निकाय चुनाव के परिणामों से कांग्रेस विचलित ज़रूर है.   

 

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