नई दिल्ली : बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों ने एक साथ मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कई आरोप लगाए. इन्होने मोदी सरकार पर भारत की संघीय संरचना को ‘‘कुचलने’’ और राज्यपालों एवं उप-राज्यपालों के जरिए राज्यों में ‘‘समानांतर सरकारें’’ चलाने के आरोप लगाए. ‘सहकारी संघवाद’ एवं केंद्र-राज्य संबंधों पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की ओर से आयोजित सम्मेलन में नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार को जम कर कोसा. वहीं नीतीश बिहार विधानसभा चुनावों के चलते सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले सके, लेकिन इस कार्यक्रम में उनका संदेश पढ़ा गया. पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आवास पर CBI कार्रवाई के लिए मोदी सरकार की आलोचना करते हुए सवाल किया कि यदि कोई मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री आवास पर छापेमारी का आदेश दे दे तो क्या होगा. उन्होने कहा, ‘‘आज आप मुख्यमंत्रियों के आवास पर छापेमारी करवाते हैं, पर कल यदि किसी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के आवास पर छापेमारी करवा दी तो? ममता ने कहा कि सारे संवैधानिक पद दांव पर लगे हुए हैं. हमने कभी नहीं देखा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, न्यायाधीशों, अखबार के संपादकों के आवासों पर छापे कराए जाते हों, लेकिन उनमें नैतिकता नाम की कोई चीज ही नहीं है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में संघवाद को मजबूत करने के लिए पूर्ण विकेंद्रीकरण की मांग की. उन्होने केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के काम काज में गलत ढंग से दखल देने का भी आरोप लगाया. उन्होने कहा कि इससे न्यायपालिका भी कमजोर हो रही है. केजरीवाल ने केंद्र की राजग सरकार पर धन के आवंटन में राजनीति करने और CBI का इस्तेमाल राज्यों को डराने-धमकाने के लिए करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे केंद्र-राज्य संबंध कमजोर हो रहे हैं. वहीं अपने संदेश में नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि उन्होंने बिहार को विशेष दर्जा देने का वादा अभी तक पूरा क्यों नहीं किया. नीतीश ने कहा कि मोदी चुनावों को देखते हुए बिहार के लिए ‘‘बड़ी बडी घोषणाएं’’ कर रहे हैं लेकिन ओड़िशा एवं पश्चिम बंगाल जैसे पड़ोसी राज्यों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं