आधार कार्ड बना 80000 शिक्षकों की मुसीबत

आधार कार्ड आज देश के प्रमुख पहचान पत्र में अपना स्थान रखने लगा है. आज हर छोटे- बड़े काम में आधार कार्ड का इस्तेमाल सरकार ने अनिवार्य कर दिया है. इसी आधार कार्ड के सहारे हाल ही में देश में 80 हजार ऐसे शिक्षकों की पहचान की गई है, जिनका वास्तव में किसी भी प्रकार का कोई अस्तित्व ही नहीं है. इसकी पहचान मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा की गई है. इन 80 हजार गैर शिक्षकों की पहचान देश के विभिन्न कालेजों और यूनिवर्सिटीज में की गई है. 

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हए कहा है कि, कुछ ऐसे फर्जी शिक्षक हैं जो प्रोक्सी उपस्थिति का तरीका अपनाते हैं और कई जगहों पर पूर्णकालिक पढ़ा रहे हैं. आधार शुरू होने के बाद, ऐसे 80 हजार शिक्षकों की पहचान हुई है और उनके खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि, किसी केंद्रीय विविद्यालय में फर्जी शिक्षकों की पहचान नहीं हुई है, लेकिन कुछ राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों के ऐसे शिक्षक हैं.

जावडेकर ने आगे सभी को हिदायत देते हुए कहा है कि, आधार नंबर शेयर करना आपके मोबाइल नंबर और ईमेल शेयर करने की तरह ही है. अगर आप अपने मोबाइल नंबर को शेयर करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह आपका मेसेज देख सकता है. आधार भी उसी तरह से काम करता है. यह सुरक्षित है.

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