मैंने कहा एक तमन्ना है

वो पूछती है  मैं उसे इतना प्यार क्यों करता हूँ मैंने कहा एक तमन्ना है तुम्हें पाने की.... वो कहती है हर वक़्त उदास क्यों रहते हो मैंने कहा कोशिश है तुम्हें हर खुशी दिलाने की.... वो कहती है हर वक़्त सोंचते क्यों रहते हो मैंने कहा आदत सी हो गयी है तुम्हें ख्यालों में अपना बनाने की.... वो कहती है  मैं न मिली तो मैंने कहा तो तमन्ना है ये जिंदगी मिटाने की.... वो कहती है  तुम्हें क्या मिलेगा मरकर मैंने कहा एक उम्मीद "प्राची" अगले जन्म में  तुम्हें अपना बनाने की।।

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