मैं तो झोंका हूँ... मैं तो झोंका हूँ हवाओं का उड़ा ले जाऊँगा जागती रहना, तुझे तुझसे चुरा ले जाऊँगा हो के क़दमों पर निछावर फूल ने बुत से कहा ख़ाक में मिल कर भी मैं ख़ुश्बू बचा ले जाऊँगा कौन-सी शै तुझको पहुँचाएगी तेरे शहर तक ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊँगा क़ोशिशें मुझको मिटाने की मुबारक़ हों मगर मिटते-मिटते भी मैं मिटने का मज़ा ले जाऊँगा शोहरतें जिनकी वजह से दोस्त-दुश्मन हो गए सब यहीं रह जाएंगी मैं साथ क्या ले जाऊँगा. -कुमार विश्वास