तुम्हे जो हो खता मंजूर तो इजहार करता हूँ तुम कुछ खास हो मेरी मैं ये इकरार करता हूँ। रोशनी बन गयी हो तुम मेरे दिल के अंधेरों की मुझको लगता है शायद मैं तुमसे प्यार करता हूँ॥