मै जब दीवाना हो गया

प्यार में मै जब दीवाना हो गया , जमाना भूले मुझे जमाना हो गया ! वार नजरों का चलाया था उसने , दिल मेरा उसका निशाना हो गया ! लब उनके हो गए रंग ए गुलनार , जाम इश्क का जब पिलाना हो गया ! लाख समझया पर वो नही माने , प्यार का दुश्मन जमाना हो गया ! टूट कर तुमने चाहा इस कदर मुझे , दिल मेरा भी अब बेगाना हो गया ! खातिर जिनके भुलाया जहां को मै , मौसम मेरा भी सब सुहाना हो गया ! कैसे कब सुनाऊँ मैं हबीब ए दिवान , कुमार ए जीस्त यूं तराना हो गया !

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