मुंडे की पहली बरसी पर सरकार ने दी उनके सपने को हरी झंडी

मुंबई : पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की पहली बरसी की पूर्व संध्या(मंगलवार) पर महाराष्ट्र सरकार ने उनके ड्रीम प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि मुंडे ग्रामीण महाराष्ट्र में स्थित अपने गांव को जोड़ने वाली एक रेलवे लाइन चाहते थे। मुंडे (65) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के सदस्य थे। उनका तीन जून, 2014 को नई दिल्ली में एक सड़क हादसे में निधन हो गया था। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार को अर्से से लंबित अहमदनगर-बीड-परली वैजनाथ रेलवे लाइन को स्वीकृति दे दी। यह रेलवे लाइन मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के पिछड़े एवं सूखे इलाकों के विकास के लिए एक वरदान होगा।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मौके पर कहा, "यह रेल परियोजना दिवंगत मुंडे साहेब को एक श्रद्धांजलि है। उनकी प्रिय परियोजना अब सच होगी। केंद्र सरकार ने पहले ही अपनी सहमति दे दी है। आज हमने इस परियोजना में 50 फीसदी हिस्सेदारी की मंजूरी दे दी है।" 261 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के निर्माण के लिए राज्य एवं केंद्र सरकारें कुल लागत 2,826 करोड़ रुपये में 50-50 फीसदी की साझेदारी होंगी। यह रेल परियोजना अर्से से अटकी हुई थी और इसे राज्य सरकार ने इसी लागत बंटवारे(50-50 फीसदी) के आधार पर सर्वप्रथम 2009 में स्वीकृति दी थी।

उस वक्त कुल लागत 1,010 करोड़ रुपये थी। बुधवार को मुंडे की पहली बरसी पर उनके भतीजे एवं कभी उनके राजनीतिक वारिस रहे धनंजय मुंडे ने उन्हें मुंबई में पुष्पांजलि अर्पित की। धनंजय इस वक्त राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता हैं।

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