मां को छुड़वाने के लिए करना पड़ रहा बहू-बेटी से समझौता

बीड़ ​: कहा जाता है कि किसान की जमीन उसकी मां की तरह होती है और महाराष्ट्र के किसान अपनी मां की बदहाली से दुखी हैं हालात ये हैं कि महाराष्ट्र के किसानों को मानसून का दौर प्रारंभ होने के बाद भी राहत नहीं मिल रही है। फिलहाल इतनी बारिश नहीं हुई कि वे बोवनी के दौर में अपने खेतों को पर्याप्त गीला मानकर खुश हो सकें या फिर इतना पानी भी नहीं बरसा किस सूखे के बदहाल हालात बदल पाऐं। किसान पानी की अपर्याप्तता के कारण तो परेशान हैं ही मगर उनके दर्द अभी भी दूर होने का नाम नहीं ले रहे हैं दरअसल किसानों की जमीन साहूकार के पास है।

जमीन को छुड़वाने के लिए साहूकार ने किसान से उसकी बेटी और बहू का साथ मांगा है। अब पुलिस द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है। राज्य महिल आयोग की प्रमुख विजया राहत्कार ने भी इस मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को अप्रैल माह में शिकायत मिली थी कि साहूकार ने किसान की जमीन को कब्जे में ले लिया।

रविवार को बीड़ जिले की धारूर तहसील में निवास करने वाले किसान ने कहा कि साहूकार भगवान बड़े ने ज़मीन को छोड़ने के बदले उसकी पुत्री और बहू का साथ भी मांगा था। इस मामले में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि किसान ने अभी तक किसी तरह की शिकायत नहीं की है। मगर जांच प्रारंभ हो गई है। अब इस मामले में आवश्यक कदम उठाने की बात पुलिस कर रही है।

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