मैगी में मिला खतरनाक एमिनो एसिड, ब‌िक्री पर लगा प्रतिबंध

पश्चिम बंगाल / कोलकाता : मैगी का नाम सुनते ही आपको उसके ऐड "बस दो मिनट" में मैगी तैयार की याद आ जाती है। लेकिन दो मिनिट में बनने वाली मैगी आपके नौनिहालों की सेहत भी दांव पर लगा सकती है। खाद्य संरक्षा व औषधि प्रशासन (FSDA) ने हाल ही में बाराबंकी के एक मल्टी स्टोर से मैगी के नमूनों की जांच कोलकाता की रेफरल लैब से कराई। जांच में यह नमूना फेल हो गया और इसमें मोनोसोडियम ग्लूटामेट नाम का एमिनो एसिड खतरनाक स्तर तक पाया गया। इसके बाद हरकत में आए FSDA ने पूरे प्रदेश में मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी।

FSDA के सहायक आयुक्त विजय बहादुर ने बताया कि बाराबंकी से लिए गए मैगी के नूमनों के खतरनाक पाए जाने के बाद पूरे प्रदेश में सर्वे सर्विलांस सैंपलिंग से शुरू किया गया है। राजधानी के डिजिग्नेटेड ऑफिसर (डीओ) को मैगी के नमूंने लेकर जनविश्लेषण प्रयोगशाला भेजने को कहा गया है। FSDA जिला इकाई के मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी SP सिंह ने बताया कि तीन अलग अलग टीमें गठित कर सोमवार व मंगलवार को मैगी के आठ नमूने लिए गए और इन्हें लैब टेस्ट के लिए भेजा गया है।

FSDA एक्ट के तहत मोनोसोडियम ग्लूटामेट का प्रयोग किए जाने वाली सामग्री के पैकेट पर इसकी मौजूदगी साफ-साफ दर्ज करनी होती है। साथ यह भी लिखना होता है कि इसका उपयोग 12 साल से कम उम्र के बच्चे कतई न करें। एमीनो एसिड श्रेणी का मोनोसोडियम ग्लूटामेट केमिकल वाली खाद्य सामग्री बच्चों की सेहत दांव पर लगा सकती है। यह केमिकल खाने से बच्चे न केवल इसके एडिक्ट हो सकते हैं बल्कि दूसरी चीजें खाने से नाक-भौं सिकोड़ने लगते हैं।

डॉ. राजीव मैगन, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ ने बताया, लगातार मैगी खाने वाले छोटे बच्चों के शारीरिक विकास पर भी असर पड़ता है। मोनोसोडियम ग्लूटामेट बच्चों की पाचन क्षमता खराब कर देता है। इससे बच्चों में पेट में दर्द, रोटी-सब्जी, फल खाने पर उल्टी आने, शरीर में सुस्ती, गर्दन के पीछे की नसों के कमजोर होने से स्कूली बस्ते तक का भार न उठा पाने और याददाश्त कमजोर होने की शिकायत हो सकती है।

मैगी बनाने वाली कंपनी ने अपनी सफाई में कहा है कि मोनोसोडियम ग्लूटामेट का प्रयोग नेचुरल फार्म में किया जाता है लेकिन चूंकि कोलकात की लैब की जांच में यह नमूने फेल हो गए हैं इसलिए मैगी के उस बैच के उत्पादों की ब्रिकी पर पाबंदी लगा दी गई है। अब पूरे सूबे में सर्विलांस सर्वे सैंपलिंग की जाएगी। राजधानी के विभिन्न इलाकों से आठ नमूने लैब टेस्ट के लिए भेजे गए हैं।

Related News