मध्यप्रदेश चुनाव: सागर के रहली में विकास मुद्दा ही नहीं, कांग्रेस को एंटी इंकम्बेंसी से उम्मीद

सागर: देश में विधानसभा चुनाव के चलते मध्यप्रदेश के सागर जिले में भी चुनावी रंग खूब बिखर रहा है। जानकारी के अनुसार बता दें कि बुंदेलखंड में भाजपा के सबसे सशक्त गढ़ और दिग्गज मंत्री गोपाल भार्गव के इलाके में दशकों बाद चुनावी माहौल दिखाई दे रहा है। वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर पार्टी में नए-नए आए युवा चेहरे कमलेश साहू पर विश्वास जताया है। 

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वहीं बता दें कि शहर की मुख्य सड़कों से जरा हटकर यदि ग्रामीण इलाकों में वोटर का मन टटोलें तो यहां विकास पर कोई बात नहीं करता, लेकिन एंटी इंकम्बेंसी का असर ठेठ देहाती इलाकों में जरूर नजर आ रहा है। बता दें कि रहली विधानसभा सीट पर पिछले 33 सालों से कद्दावर नेता गोपाल भार्गव काबिज हैं। वहीं क्षेत्र में दोनों ही दलों के प्रत्याशियों के अलावा किसी अन्य प्रत्याशी का नाम तक लेने वाला नजर नहीं आ रहा है।

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गौरतलब है कि रहली विधानसभा सीट चार इलाकों में अलग-अलग समीकरण बनाती है। इसमें रहली, गढ़ाकोटा के साथ शाहपुर और ढाना शामिल हैं। वहीं जातिगत समीकरण वैसे तो अभी तक अर्थहीन रहे हैं, लेकिन इस चुनाव में पहली दफा अहम भूमिका निभा सकते हैं। कुल मिलाकर इलाके में पहली बार चुनावी टसल जैसा माहौल नजर आ रहा है। यहां पिछले विधानसभा चुनावों में एससी-एसटी, कुर्मी, लोधी, पटेल, ब्राह्मण सहित अन्य वर्गों का भाजपा की तरफ ही झुकाव देखा गया है। समाजों के इतर यहां ब्राह्मण प्रत्याशी गोपाल भार्गव लीड करते आए हैं। इस बार पहली दफा यहां जातिगत आंकड़ों के आधार पर जीत-हार के कयास लगाए जा रहे हैं।

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