इस मंदिर में होती है केसर और चन्दन की बारिश, ये है वजह

देश में कई ऐसी जगह पर तीर्थ स्थान मौजूद हैं जो अपने-अपने चमत्कार के कारण जाने जाते हैं. आज हम एक और ऐसे ही तीर्थ के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आप भी जानते ही होंगे और अगर नहीं जानते तो हम बता देते हैं उस जगह के बारे में जो काफी प्रसिद्द है. इन तीर्थ स्थलों को भगवान के साथ-साथ उनके चमत्कार के कारण भी जाना जाता है और लोग इसी पर यकीन करके दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते भी हैं. आइये जानते हैं उस अनोखे मंदिर के बारे में जो मध्य प्रदेश में ही स्थित है और काफी प्रसिद्द भी है.

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हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में स्थित मुक्तागिरी जैन तीर्थ की, जो सतपुड़ा के घने जंगलों के बीच में बसा है. यहां की खूबसूरती देखकर आप भी मंदिर पर बार-बार जाना चाहेंगे. अब बता दें, इस मंदिर में चमत्कार की बातें क्या है. दरअसल, यहां की मान्यता है कि यहां हर अष्टमी चौदस को केसर और चन्दन की बारिश होती है. 

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कथाओं के अनुसार हजारों साल पहले एक बार यहां मुनि ध्यान में मग्न थे और उनके सामने ही एक मेंढक पहाड़ की चोटी से गिरकर मर गया था. इसके बाद मुनि ने  उसके कान में णमोकार मंत्र का जाप किया ताकि उसे स्वर्ग में स्थान प्राप्त हो. इसी के बाद इस पर्वत को मेढ़ागिरी पर्वत के नाम से जाना जाता है. इतना ही नहीं, जब मृत्यु के बाद मेंढक जब मुनि के दर्शन करने आया तो उस दिन केसर और चन्दन की बरसात हुई थी. इस मंदिर में अष्टमी चौदस के दिन यहां दर्शन करना बहुत अच्छा माना जाता है इसलिए दूर-दूर से लोग यहां दर्शन करने आते हैं.

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