नवरात्रि का पर्व चल रहा है और आज नवरात्रि का छठा दिन है। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी का पूजन किया जाता है। यह माता के ज्वलंत स्वरूप को प्रदर्शित करने वाला स्वरूप हैं। कहते है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से शक्ति प्राप्त होती है। केवल यही नहीं बल्कि मां कात्यायनी अपने भक्तों को सुख और समृद्धि का भी वरदान देती हैं। जी हाँ और मां कात्यायनी की तेजोमय छवि की पूजा आराधना करने से सफलता और प्रसिद्धि भी मिलती है। इसी के साथ जानकारों का कहना है, मां कात्यायनी का मंत्र अत्यंत प्रभावशाली और शक्तिशाली होता है। अगर पूजा विधि-विधान से की जाए तो माता प्रसन्न होती हैं। जी हाँ और मां कात्यायनी की पूजा में लाल गुलाब अवश्य अर्पित करना चाहिए। अब आज हम आपको बताते हैं माता की आरती और भोग। इस पहाड़ी पर स्थित है महिषासुर की प्रतिमा, नवरात्रि में जरूर जाएं देखने मां कात्यायनी आरती- जय जय अंबे, जय कात्यायनी। जय जगमाता, जग की महारानी। बैजनाथ स्थान तुम्हारा। वहां वरदाती नाम पुकारा। कई नाम हैं, कई धाम हैं। यह स्थान भी तो सुखधाम है। हर मंदिर में जोत तुम्हारी। कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी। हर जगह उत्सव होते रहते। हर मंदिर में भक्त हैं कहते। कात्यायनी रक्षक काया की। ग्रंथि काटे मोह माया की। झूठे मोह से छुड़ाने वाली। अपना नाम जपाने वाली। बृहस्पतिवार को पूजा करियो। ध्यान कात्यायनी का धरियो। हर संकट को दूर करेगी। भंडारे भरपूर करेगी। जो भी मां को भक्त पुकारे। कात्यायनी सब कष्ट निवारे। मां कात्यायनी का भोग: कहा जाता है मां कात्यायनी को लाल रंग बेहद प्रिय है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए लाल गुलाब अवश्य चढ़ाना चाहिए। जी हाँ और इसी के साथ भोग लगाने के लिए मां कात्यायनी को शहद अर्पित करना चाहिए। कर्नाटक में स्थित है माता रानी का कर्नाट शक्तिपीठ, जानिए यहाँ गिरा था माँ का कौन सा अंग नवरात्रि में कन्या भोजन के समय बनाए यह स्वादिष्ट खीर नवरात्रि: आंध्र प्रदेश में स्थित है माता रानी के दो शक्तिपीठ, जानिए इनके बारे में