सरकार की दखलंदाजी से मुक्त हुए देश के प्रबंध संस्थान

नई दिल्ली : यह खबर वाकई सरकार की तारीफ करने लायक है कि उसने देश भर के सभी 20 भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) को सरकार की दखलंदाजी से मुक्त कर दिया है.इन संस्थानों में सरकार की भूमिका को सीमित करने वाला विधेयक लोकसभा में शुक्रवार को पारित हो गया. सरकार ने इन संस्थानों को स्वायत्तता प्रदान कर दी .सरकार की इस पहल पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर को विपक्ष की प्रशंसा भी मिली.

उल्लेखनीय है कि सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने के बाद अब यह प्रबंध संस्थान निदेशकों, फेकल्टी सदस्यों की नियुक्ति करने के साथ ही डिग्री और पीएचडी की उपाधि भी दे सकेंगे. पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाते हुए सभी 20 आईआईएम बोर्ड ऑफ गनर्वर्स की नियुक्ति भी कर सकेंगे. इन संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान घोषित कर विजिटर का पद ख़त्म कर दिया गया है.राष्ट्रपति अभी इन संस्थानों के विजिटर होते हैं.हालाँकि इन संस्थानों का कैग द्वारा ऑडिट किया जाएगा और कैग की रिपोर्ट पर जरूरत हुई तो संसद में चर्चा भी की जाएगी क्योंकि संस्थान देश के करदाताओं के रुपयों से चलेंगे.

 मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इन संस्थानों को सरकार से कोई अनुमति और क्लीयरेंस नहीं लेना होगी.देश में प्रबंध शिक्षा एक नए युग में प्रवेश करेगी.हमे हमारे श्रेष्ठ मस्तिष्कों पर भरोसा करना होगा. विपक्ष के कांग्रेस सदस्य शशि थरूर ने इसे उल्लेखनीय कदम बताते हुए कहा कि अन्य मंत्रियों को भी जावडेकर से सीख लेना चाहिए.

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