लोगो के गले जब मिला करता हूँ

कब मैं अपने ज़ख्मो का सबसे गिला करता हूँ, है खंज़रों का डर, लोगो के गले जब मिला करता हूँ इंसानी बगीचों की रिवायते निभाना नहीं आया मुझे, बरगद की तरह मैं दूर जंगलों में खिला करता हूँ....

Related News