शराब घोटाला: मनीष सिसोदिया ने कब नष्ट किए फ़ोन ? CBI ने कोर्ट को दी पूरी जानकारी

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली हाई कोर्ट में शराब घोटाले मामले में अरेस्ट किए गए दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का बुधवार को विरोध किया और कहा कि वह सत्ता में थे और उनका सियासी रसूख था। CBI ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता सिसोदिया ने आबकारी समेत विभिन्न विभागों को कंट्रोल किया और दावा किया कि जिस दिन मौजूदा मामला LG द्वारा CBI को भेजा गया, उस दिन सिसोदिया ने जानबूझकर सबूत और मोबाइल फोन को नष्ट कर दिया था।

जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने CBI के वकील की दलीलें सुनीं और मामले को गुरुवार यानी आज आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। CBI का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने भी नीतिगत कागज़ातों से संबंधित एक गुमशुदा फाइल का हवाला देते हुए कहा कि यह पत्र शायद इसलिए गुम हो गया, क्योंकि इसमें कुछ ऐसी बात थी, जो रुचिकर नहीं थीं। बता दें कि, CBI ने कई दफा पूछताछ करने के बाद 26 फरवरी को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने और लागू करने में भ्रष्टाचार के आरोप में सिसोदिया को अरेस्ट किया था।

जांच एजेंसी ने कहा कि, 'हमारा मामला यह है कि पत्र को नष्ट कर दिया गया या उसे कहीं गायब कर दिया गया। हमारे पास यह दिखाने के लिए प्रमाण मौजूद हैं कि वह आखिरी शख्स थे, जिन्हें यह फाइल सौंपी गई थी, जिसमें कैबिनेट का नोट था। वह सबूतों से छेड़छाड़ करने में सक्षम हैं।' उन्होंने कहा कि सिसोदिया सत्ता में थे और उनका सियासी रसूख था।

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