पुराने तरीके से खटके में फंसाकर पकड़ा गुलदार को

बिजनौर : कई दिनों से टांडा बेरखेड़ा गांव में तीन चीते देखे जा रहे थे। इनमें से एक नर, एक मादा और एक शावक था। इन चीतों को मुर्गियों का पता मिल गया था, ये रोज आकर वहां से मुर्गियां खाकर जाते थे। इससे ग्रामीण खौफ में तो थे ही लेकिन उन्होने मुर्गी के बाड़े के पास ही पुरानी विधि से जानवरों को पकड़े जाने वाले खटका को तैयार किया।

ग्रामीणों ने बताया कि रात के 1 बजे तीनों गुलदार मुर्गी खाकर वहां से निकल गए। एक भी चीता उस खटके में नहीं फंसा। इसके बाद ग्रामीणों ने पत्थर मारकर गुलदार को दौड़ा दिया। इसी दौड़ने के क्रम में मादा गुलदार का पैर खटके में फंस गया। ग्रामीणों ने उसे मजबूत रस्सी से बांध दिया और इसके वन विभाग को सूचित किया।

सुबह 5.30 बजे पुलिस वहां पहुंची। डीएफओ बिजनौर एम सुमेरन रेंजर प्रताप सिंह भी मौके पर पहुंचे। सूचना के करीब सात घंटे बाद डब्ल्यूडब्ल्यूएफ अमानगढ की टीम पिंजरा लेकर पहुंची। समाचार लिखे जाने तक गुलदार को पिंजरे में कैद करने के प्रयास जारी थे। डीएफओ के अनुसार गुलदार को अमानगढ़ रेंज में छोड़ा जाएगा।

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