भू-राजस्व विधेयक छतीसगढ़ विधानसभा में पास

रायपुर : भू-राजस्व संहिता का विधेयक विरोध के बावजूद छत्तीसगढ़ विधानसभा में पास हो गया. राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने संशोधन विधेयक पेश करते हुए कहा कि भू-अर्जन की प्रक्रिया सरल होने से विकास में आ रही अड़चनें दूर होंगी. बहरहाल भू-राजस्व संहिता का संशोधन विधेयक विधानसभा में पास हो गया. आने वाले समय में इस विधेयक पर राजनीति जरुर तेज होने की संभावना हैं.

विधेयक के नए प्रावधानों पर आपत्ति जताते हुए विपक्ष ने मत विभाजन मांगा. विधेयक के पक्ष में 43 और विपक्ष में 31 मत पड़े. इस नए विधेयक से सरकार अब आदिवासियों की जमीन भी अधिग्रहित कर सकेगी. कांग्रेस के आदिवासी विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि पांचवीं अनुसूची के तहत आदिवासियों की जमीनों को संरक्षण मिलता है. नये संशोधन से असंतोष फैलेगा. उन्होंने कहा कि लोहंडीगुड़ा और नगरनार में आदिवासियों ने जमीन दी थी, लेकिन क्या हासिल हुआ. जमीन देने के बाद भी आदिवासियों को कोई फायदा नहीं हुआ.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जनजातियों के हितों की रक्षा नहीं हो रही है. उनकी जमीन हड़पी जा रही है. आने वाले समय में इस विधेयक का जमकर विरोध किया जायेगा. हालांकि ​विरोध के बाद भी भू-राजस्व संहिता में राज्य सरकार का संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित हो गया.

 

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