लोकसभा में लैंड बिल तो राज्यसभा में पूर्ति साखर पर हंगामा

नई दिल्ली : भूमि अधिग्रहण बिल को एक बार फिर लोकसभा के पटल पर रखा गया। बिल को लोकसभा में पेश किए जाने के साथ ही जमकर हंगामा हुआ। जिसके बाद विपक्ष भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर एक के बाद एक आरोप लगाता रहा। यही नहीं तृणमूल कांग्रेस के ही साथ विभिन्न विपक्षी दलों ने बिल का जमकर विरोध किया। विरोध करने वालों में कांग्रेस सबसे आगे रही। संसद के राज्यसभा में केंद्रीयमंत्री नितिन गडकरी द्वारा पूर्ति कंपनी को नियमों को ताक पर रखकर लोन देने का आरोप लगाया गया। मासमले में सीएजी रिपोर्ट को लेकर जबरदस्त हंगामा किया गया। मिली जानकारी के अनुसार मामले में सीएजी रिपोर्ट को लेकर जमकर हंगामा किया गया। विपक्ष द्वारा केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी के इस्तीफे की मांग की जाती रही। दूसरी ओर राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने पूर्ति कंपनी पर चर्चा को लेकर नोटिस जारी कर दिया। प्रश्नकाल में चर्चा की अनुमति नहीं मिलने के बाद कांग्रेस सांसदों द्वारा हंगामा खड़ा कर दिया गया। इस पर कांग्रेस के सांसद प्रमोद तिवारी ने पूर्ति कंपनी को लेकर चर्चा की और मामले में नोटिस जारी किया। इस पर चर्चा नहीं होने पर फिर कांग्रेसी हंगामा करने लगे। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पूर्ति साखर कारखाने के मामले में जो आरोप लगाए जा रहे हैं वे गलत हैं। सदन में कहा कि सीएजी रिपोर्ट में कहीं भी मेरी उपर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाया गया है। इस मामले में किसी भी तरह की अनियमितता की बात नहीं की गई है। इस मामले के ही साथ कांग्रेस द्वारा लोकसभा में पेश किए गए भूमि अधिग्रहण बिल को अटकाने का प्रयास किया गया दूसरी ओर कांग्रेस द्वारा जीएसटी को राज्यसभा में पेश करने से रोकने के लिए रणनीति पर चर्चा की गई। उल्लेखनीय है िकइस विधेयक को गुरूवार को राज्यसभा में पेश किया जाना है।

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