भूमि आवंटन रद्द, कोका-कोला ने रुपये वापस मांगे

चेन्नई : तमिलनाडु सरकार ने हिंदुस्तान कोका कोला बेवरेजेज लिमिटेड को इरोड जिले में उसके संयंत्र के लिए किए गए भूमि आवंटन को रद्द कर दिया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। कंपनी ने राज्य सरकार से मांग की है कि उसके द्वारा भुगतान की गई पूरी धनराशि वापस की जाए। उद्योग विभाग के एक अधिकारी ने सूत्रों से कहा, "भूमि आवंटन पर कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।" 
सूत्रों ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव सीवी शंकर और तमिलनाडु राज्य उद्योग संवर्धन निगम लिमिटेड (एसआईपीसीओटी) के प्रबंध निदेशक आर. सेल्वराज से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज ने एक बयान में कहा, "हमने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि अब तक भुगतान की गई पूरी राशि लौटा दी जाए।" 
तमिलनाडु में निवेश करने में अपनी रुचि को दोहराते हुए कंपनी ने राज्य सरकार को भेजे गए पत्र में लिखा कि अप्रत्याशित दबावों और देरी के कारण वह पेरुं दुरई के एसआईपीसीओटी में निवेश नहीं कर पाएगी। कंपनी के मुताबिक, उसे 2014 में 500 रुपये के प्रस्तावित निवेश के साथ एक अत्याधुनिक बॉटलिंग संयंत्र स्थापित करने के लिए एसआईपीसीओटी में एक भूखंड आवंटित किया गया था। 
कंपनी ने कहा कि उसने आवंटित भूमि पर निर्माण के लिए सभी कदम उठाए, लेकिन बाहरी दबावों के कारण परियोजना में देरी हुई। कंपनी ने कहा कि कई बार आग्रह करने के बाद भी कई जरूरी मंजूरी/अनुमति नहीं मिल पाई। कंपनी ने कहा, "इनके बिना हम 'कंसेंट टू स्टैब्लिस' के लिए आवेदन नहीं कर सकते और निर्माण कार्य शुरू नहीं कर सकते।" 
कंपनी ने कहा, "इन देरियों और परियोजना का स्थानीय स्तर पर विरोध की कल्पना हम न तो पहले कर सके और न ही इससे बचने में सफल रहे। इन मुद्दों को सुलझाने की सर्वोत्तम कोशिश करने के बावजूद हम निर्माण शुरू नहीं कर पाए और परियोजना पर काम नहीं हो सका।" स्थानीय लोग और किसान पेरुं दुरई में कोला संयंत्र के खिलाफ थे और मार्च में करीब 3,500 दुकानदारों ने इरोड जिले में विरोध प्रदर्शन करने के लिए अपनी दुकानें बंद की थी। 
कंपनी को पेरुं दुरई में एसआईपीसीओटी के औद्योगिक क्षेत्र में करीब 71 एकड़ भूखंड आवंटित किया गया था। पेरुं दुरई चेन्नई से करीब 445 किलोमीटर दूर है। लोग इसलिए संयंत्र का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे जिले में भूमिगत जल का स्तर नीचे चला जाएगा। 
सत्ताधारी एआईएडीएमके को छोड़कर सभी राजनीतिक पार्टियों ने संयंत्र के विरोध में प्रदर्शन की घोषणा की थी। केरल के प्लाचिमाडा में भी कोका कोला का एक बॉटलिंग संयंत्र है और वहां के लोग भी संयंत्र का विरोध कर रहे हैं। एआईएडीएमके सरकार ने पहले कहा था कि किसानों को प्रभावित करने वाली औद्योगिक परियोजनाओं को अनुमति नहीं दी जाएगी।

Related News